आज हम अस्थमा के बारे में बात करेंगे। अस्थमा श्वसन प्रणाली की एक पुरानी बीमारी है। यह रोग श्वसन पथ के नलिकाओं में सूजन का कारण बनता है। जैसे ट्रेकिआ, ब्रोन्कस, प्राइमरी ब्रॉन्कस, सेकेंडरी ब्रोंकस। सूजन के कारण सास लेते समय सीटी की तरह आवाज आती है। अब बात करते हैं कि अस्थमा कैसे होता है? फिर हम अस्थमा के लक्षणों और अस्थमा के लिए होम्योपैथिक दवा के बारे में बात करेंगे।
इसका कारण आनुवांशिक हो सकता है। इसका मतलब यह है कि यदि आपके माँ और पिताजी को एलर्जी या राइनाइटिस ज्यादातर रहती है, तो आपको अस्थमा होने की अधिक संभावना है। इसके अलावा प्रदूषित वातावरण में काम करना है। ट्रैक्स में धूल एकत्र हो रही है तो वो अस्थमा के लिए एक उच्च जोखिम विकसित करता है। एक तीसरा कारण बैक्टीरियल संक्रमण है, जैसे कि आवर्तक सर्दी और खांसी। इस तरह के आवर्तक संक्रमण से आपके अस्थमा विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। अब बात करते हैं, अस्थमा में क्या होता है ?. ऐसी हालत में ब्रोंकस सिकुड़ जाता है। इसका मतलब है कि संकुचन हो जाता है। और यही कारण है कि साँस लेना और साँस छोड़ना मुश्किल है। अब बात करते हैं अस्थमा के लिए होम्योपैथिक दवा की। जर्मन होम्योपैथिक मेडिसिन रेक्वेर्ग कंपनी की आर 43 नंबर की बूंदों को दिन में तीन बार (10 बूंद 10 मिली पानी) मैं लिया जा सकता है।